
उपेक्षित आबादी


मर्द-ए-ज़िगर
अभय (ज़ख्मी मर्द) जमाने ने कह दिया मर्द को दर्दः नहीं होता और मर्द भी चुप बेठ गया अपने ग़मो को समेट कर ज़माना डरता […]


एक गलत फैसला
रमन राणा बाजार की इस भीड़ में वो कदम बढ़ाए जा रही थी, मुरझाई सी आंखें उसकी मानो सब हालात बताए जा रही थी, एक […]

बेटे भी घर छोड़ के जाते हैं
Raman Rana बेटे भी घर छोड़ के जाते हैं.. अपनी जान से ज़्यादा..प्यारा लेपटाॅप छोड़ कर… अलमारी के ऊपर रखा…धूल खाता गिटार छोड़ कर… जिम […]